माननीय अध्यक्ष महोदय का संदेश......
■वसंत पंचमी या श्रीपंचमी हिंदुओं का एक त्यौहार है । इस दिन ज्ञान की देवी मां सरस्वती की पूजा की जाती है । यह पूजनोत्सव माघ शुक्ल पंचमी को भारत के साथ साथ नेपाल और जहां भी हिंदू हैं उन राष्ट्रों में बड़े उल्लास के साथ मनाया जाता है । शास्त्रों में वसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है ।
■देवी सरस्वती को वागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादिनी सहित अनेक नामों से जाना जाता है । देवी सरस्वती ज्ञान की प्रदातृ हैं और यही कारण है कि सरस्वती पूजा के दिन से हिंदुओं में बच्चों को पढ़ना सिखाये जाने की परम्परा है । संगीत की उत्पत्ति का उद्गम होने के कारण ये संगीत की देवी हैं । वसंत पंचमी के दिन को इनके प्रकाशोत्सव के रूप में भी मनाते हैं । ऋग्वेद में भगवती सरस्वती का वर्णन करते हुए कहा गया है : -
■ये परम चेतना हैं । सरस्वती के रूप में ये हमारी बुद्धि, प्रज्ञा तथा मनोवृत्तियों की संरक्षिका हैं । हममें जो आचार और मेधा है, उसका आधार सरस्वती हैं । इनकी स्मृति और स्वरूप का वैभव अद्भुत है ।
शुक्लवर्ण वाली, सम्पूर्ण चराचर जगत में व्याप्त, सभी भयों से अभयदान देनेवाली, अज्ञान के अंधेरे को मिटानेवाली, हाथों में वीणा, पुस्तक और स्फटिक की माला धारण करनेवाली तथा पद्मासन पर विराजमान माॅं सरस्वती की मैं वंदना करता हूं ।
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माननीय सदस्यों एवं राज्य की जनता से अपील.....
वर दे, वीणावादिनि वर दे!
प्रिय स्वतंत्र-रव अमृत-मंत्र नव
भारत में भर दे!
काट अंध-उर के बंधन-स्तर
बहा जननि, ज्योतिर्मय निर्झर;
कलुष-भेद-तम हर प्रकाश भर
जगमग जग कर दे!
नव गति, नव लय, ताल-छंद नव
नवल कंठ, नव जलद-मन्द्ररव;
नव नभ के नव विहग-वृंद को
नव पर, नव स्वर दे!
महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला जी की उपर्युक्त पंक्तियां आज प्रासंगिक हैं । समाज को पांच अभिशापों से मुक्त करने के लिये हमें नई शुरूआत करनी है । जिसमें पहला है - नशा मुक्त परिवार-समाज यही पथ प्रदर्शन मैं ज्ञान की देवी से राज्य के युवाओं के लिये मांगता हूँ क्योंकि
युवा हमारे देश की रीढ़ हैं । किसी भी समाज को युवा ही आगे ले जाने की शक्ति रखते हैं और वही युवा वर्ग आज नशे की गिरफ्त में आता जा रहा है । इससे हमें उबरना होगा, अपने युवाओं को बचाना होगा और एक पहल कर अपने घरों को नशामुक्त करना होगा । ऐसा एक भी प्रयास समाज को दिशा देगा ।
आईये, हम सब अपने घर से शुरूआत करें और एक नशामुक्त समाज का निर्माण करें ।